Bihar Politics: 99+99+23+12+10… NDA में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला फाइनल! अब चिराग-मांझी का क्या होगा

एनडीए के भीतर सीट बंटवारे पर खींचतान जारी है। लोजपा (रा) 40+ सीटें और हम 15 सीटें चाहती हैं जबकि एनडीए आधी सीटें देने को सोच रही है। चिराग पासवान और मांझी मुखर हैं वहीं कुशवाहा की नजरें भी सीटों पर टिकी हैं। भाजपा-जदयू लगभग बराबर सीटों पर लड़ेंगे जिससे बाकी दलों के लिए कम गुंजाइश बचेगी। हम को सम्मानजनक सीटों की उम्मीद है।

एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) में छोटे दल सीट बंटवारे में बड़ा पेच फंसा रहे हैं। लोजपा (रा) और हम सीटों को लेकर सबसे अधिक जिच कर रहे। लोजपा (रा) को 40 से अधिक सीटें चाहिए तो हम को 15 सीटों से कम मंजूर नहीं। वहीं, एनडीए दोनों दलों को इसका आधा देने पर विचार कर रही।

चिराग और मांझी का दल जहां टिकट हिस्सेदारी को लेकर मुखर है वहीं उपेंद्र कुशवाहा चुप हैं, मगर उनकी नजर भी आठ से दस सीटों पर लगी है।

दरअसल, एनडीए में टिकट बंटवारे को लेकर अभी आधिकारिक रूप से सहयोगी दलों के बीच चर्चा नहीं हुई है, मगर दलों को इशारों में उनकी मोटा-मोटी हिस्सेदारी बता दी गई है।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा-जदयू दोनों इस बार एक समान सीटों पर लड़ेंगे। यह सीटें 99 से 101 के बीच हो सकती हैं। ऐसे में तीन दलों (लोजपा (रा), हम, रालोमो) के लिए अधिकतम गुंजाइश 41-45 सीटों के बीच ही बन रही है।

इसमें चिराग पासवान को लगभग आधी हिस्सेदारी मिलने की चर्चा है। इस तरह उनके खाते में 20-23 सीटें आ सकती हैं। हम को 10-12, जबकि उपेंद्र कुशवाहा के दल रालोमो को आठ-दस के आसपास सीटें दी जा सकती हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, चिराग (Chirag Paswan) की पार्टी लगातार बयानबाजी कर इन्हीं 41-45 सीटों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इससे जीतन राम मांझी की धुकधुकी बढ़ गई है।

लोजपा के प्रेशर पॉलिटिक्स से अपनी हिस्सेदारी बचाने के लिए ही मांझी की तरफ से न्यूनतम 15 सीटें, नहीं तो 100 सीटों पर लड़ने वाला बयान दिया गया है।

इस बाबत हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष सुमन कहते हैं कि हमें राज्यस्तरीय दल के लिए कम से कम सात-आठ विधायक चाहिए। ऐसे में सम्मानजक सीटों की उम्मीद एनडीए से है। उम्मीद है एक सप्ताह में इस पर अंतिम निर्णय हो जाएगा।

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