एर्दोगन का UN में कश्मीर बयान, तुर्की-पाक सहयोग पर बढ़ी सियासी हलचल

तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में आम बहस में अपने संबोधन में कहा, “दक्षिण एशिया में, हम शांति और स्थिरता को बचाए रखने को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं. हम पाकिस्तान और भारत के बीच सीजफयार से खुश हैं.”

आतंकवाद की फसल बोने वाले पाकिस्तान के दोस्त और तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया और कहा कि उनका देश इस साल की शुरुआत में हुए संघर्ष के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच “सीजफायर” से “खुश” था. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से मुकाबले पर भारत और पाकिस्तान के बीच सहयोग देखना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि कश्मीर में हमारे भाइयों और बहनों की बेहतरी के लिए कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के आधार पर बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए.”

साफ था कि एर्दोगन बेगानी शादी में दीवाना वाली हरकत करते नजर आए. भारत ने शुरू से कह रखा है कि कश्मीर अपने आप में कोई मुद्दा नहीं है, बात केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर होगी और वह मुद्दा भी केवल भारत और पाकिस्तान के बीच उठेगा, उसे किसी तीसरे देश या मंच पर लेकर नहीं जाया जाएगा.

एर्दोगन ने क्या कहा?

एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में आम बहस में अपने संबोधन में कहा, “दक्षिण एशिया में, हम शांति और स्थिरता को बचाए रखने को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं. हम पाकिस्तान और भारत के बीच पिछले अप्रैल में तनाव के बाद हासिल किए गए सीजफयार से खुश हैं, जो तनाव संघर्ष में बदल गया था.”

हाल के सालों में, तुर्की के नेता ने उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में विश्व नेताओं को दिए अपने संबोधन में कई बार कश्मीर के मुद्दे का जिक्र किया है. तुर्की इस्लामिक सहयोग के नाम पर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की जुबान बोलता रहा है.

गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान के कंट्रोल वाले क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इन हमलों के कारण चार दिनों तक दोनों देशों के बीच झड़पें हुईं, पाकिस्तान को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा. आखिर में दोनों देश के बीच बातचीत के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर बनी सहमति बनी और संघर्ष समाप्त हुआ.

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