2024 चुनाव के ट्रेलर से ओवैसी को महागठबंधन का डर, राजद पर बढ़ा दबाव

Asaduddin Owaisi on Bihar Politics: बिहार में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य में सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी चार दिवसीय बिहार दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने राजद के साथ गठबंधन पर ज़ोर दिया है.

Asaduddin Owaisi on Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव दो महीने के अंदर होने वाले हैं. तमाम सियासी पार्टियों ने अभी से चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं. पिछले कुछ महीनों से NDA और महागठबंधन के केंद्रीय नेता बिहार का दौरा कर रहे हैं और ताबड़तोड़ रैलियां भी कर रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार का दौरा किया और गया ज़िले में 36,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन कर चुनावी बिगुल फूंका.

वहीं, महागठबंधन ने भी वोट अधिकार यात्रा शुरू कर चुनावी मैदान में कूद पड़ा है. इसी सिलसिले में हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार का दौरा कर चुके हैं और राजद के साथ गठबंधन बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं. ओवैसी ने आज ऐलान किया है कि उनकी पार्टी AIMIM, राजद के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को एक औपचारिक पत्र भेजकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले महागठबंधन में शामिल होने की मांग की

ओवैसी ने क्या कहा?

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ओवैसी ने 24 से 27 सितंबर तक सीमांचल क्षेत्र का दौरा करते हुए चार दिवसीय ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ के साथ बिहार में अपने अभियान की शुरुआत की है. बिहार के किशनगंज जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “अख्तरुल ईमान ने यहां के नेता प्रतिपक्ष (तेजस्वी यादव) को एक पत्र लिखा है और हमने मीडिया के माध्यम से कहा है कि AIMIM गठबंधन के लिए तैयार है.”

महागठबंधन को ओवैसी दिखा रहे हैं बीजेपी का डर

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने 6 सीटों की मांग की है, लेकिन इस बात पर भी ज़ोर दिया कि, “यह तय करना उनके हाथ में नहीं है. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो बिहार के लोग देखेंगे कि कौन भाजपा को सफल बनाना चाहता है और कौन उन्हें रोकना चाहता है. इसलिए, फैसला बिहार के लोगों को करना है. हमने अपनी ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली है.”

ओवैसी को सता रहा है ये डर

सियासी जानकार का मानना ​​है कि असदुद्दीन ओवैसी का यह ऐलान राजद के साथ गठबंधन पर बार-बार जोर देने की वजह से है क्योंकि उन्हें इस चुनाव में करारी हार का डर है. सिमांचल में महागठबंधन अभी भी AIMIM से ज्यादा मजबूत है. 2020 के चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सिर्फ पांच पर जीत हासिल कर पाई थी. हालांकि, ओवैसी की पार्टी के चार विधायक राजद में शामिल हो गए थे. इसका असर 2024 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला. जिन सीटों पर ओवैसी के विधायक जीते, वहां महागठबंधन काफी मजबूत हुआ और किशनगंज से AIMIM उम्मीदवार अख्तरुल ईमान अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में बढ़त हासिल करने में नाकाम रहे. यही वजह है कि ओवैसी बार-बार राजद के साथ गठबंधन पर जोर दे रहे हैं.