प्रशांत किशोर ने कहा कि आत्मविश्वासी होना और लापरवाह होना दो अलग बातें हैं। जो छात्र ईमानदारी से पढ़ाई करता है, वह अपने परीक्षा में गंभीर और सतर्क होता है। यह बिहार में 30-35 साल से चली आ रही राजनीतिक गुलामी के अंत की घोषणा है। यह बिहार में बदलाव की तारीख की घोषणा है, एक नई शुरुआत की घोषणा है।

Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा की घोषणा होने के बाद जन सुराज पार्टी के मुखिया प्रशांत किशोर ने कहा है कि राज्य में अब चुनाव की तारीख घोषित हो गई है, ऐसे में लोगों को अब यह तय करना होगा कि उन्हें 15 वर्षों का ‘जंगल राज’, नीतीश कुमार की ‘भ्रष्ट सरकार’ चाहिए या ‘सुंदर राज, जन सुराज’। पीके ने कहा कि आत्मविश्वासी होना और लापरवाह होना दो अलग बातें हैं। जो छात्र ईमानदारी से पढ़ाई करता है, वह अपने परीक्षा में गंभीर और सतर्क होता है। यह बिहार में 30-35 साल से चली आ रही राजनीतिक गुलामी के अंत की घोषणा है। यह बिहार में बदलाव की तारीख की घोषणा है, एक नई शुरुआत की घोषणा है। बिहार में पहले चरण में 6 नवंबर जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।
नौ अक्टूबर को आएगी उम्मीदवारों की सूची
रिपोर्टों के मुताबिक पीके ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और चुनाव के लिए विधानसभा की सीटों के लिए उनके उम्मीदवारों की घोषणा नौ अक्टूबर को कर दी जाएगी। जनसुराज पार्टी के प्रमुख ने कहा कि उनकी उम्मीदवारों की सूची हैरान करने वाली होगी। इसके अलावा पीके ने दावा किया कि बिहार चुनाव के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे और इस बार अपने 1 अणे मार्ग पर सीएम के तौर पर मकर संक्रांति नहीं मना पाएंगे।
‘हम दोनों गठबंधनों का इतना वोट काटेंगे कि वे साफ हो जाएंगे’
किशोर ने निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनावों की घोषणा किये जाने के बाद पत्रकारों से कहा, ‘पिछली बार दोनों गठबंधनों को मिलाकर 72 प्रतिशत मतदान हुआ था। शेष 28 प्रतिशत वोट इस बार जन सुराज को मिलेगा। अगर दोनों गठबंधनों को 10-10 प्रतिशत का नुकसान होता है, तो वे वोट जन सुराज में जुड़ जाएगा और हमारा वोट प्रतिशत 48 हो जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमें ‘वोटकटवा पार्टी’ कहा गया है लेकिन हम इसे अपने लिए एक मेडल मानते हैं। हम दोनों गठबंधनों का इतना वोट काटेंगे कि वे साफ हो जाएंगे।’
दो चरणों में चुनाव का स्वागत किया
किशोर ने दो चरणों में चुनाव कराने के आयोग के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, ‘यह बहुत अच्छा निर्णय है। पहले अधिक चरणों में चुनाव इसलिए कराए जाते थे ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अधिक सभाएं कर सकें। लेकिन अब भाजपा भी समझ चुकी है कि मोदीजी की सभाओं से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला इसलिए जल्दी चुनाव निपटाने का फैसला किया गया है।’
दही-चूड़ा नहीं खाएंगे-प्रशांत किशोर
उन्होंने कहा, ‘आज बिहार के लोगों की बंधुआ मजदूरी खत्म होने की तारीख घोषित हुई है। अब बिहार के लोग मोदी-नीतीश या लालू के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए वोट करेंगे। हमारा सपना है कि बिहार ऐसा राज्य बने, जहां उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के लोग भी पढ़ाई और रोजगार के लिए आएं।” किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘नीतीश कुमार ने हाल में पटना मेट्रो का उद्घाटन किया है। यह उनका अंतिम उद्घाटन था। हमने पहले ही कहा था कि अगली बार वे मुख्यमंत्री आवास ‘अणे मार्ग’ पर दही-चूड़ा नहीं खाएंगे।’ इससे पहले, जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने भी चुनाव की घोषणा का स्वागत किया और कहा, “इस बार चुनाव दिवाली और छठ के बाद होंगे। त्योहार के दौरान बाहर से जो लोग अपने घर लौटेंगे, वे बिहार में बदलाव के लिए मतदान करेंगे।’