Bihar Chunav 2025: कांग्रेस की रणनीति से RJD में टेंशन, महागठबंधन में सीट बंटवारे का फंसा पेंच

Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने बड़ी रणनीति अपनाई है। पार्टी ने राज्य की 68 सीटों पर अपने संभावित उम्मीदवारों के चयन के लिए बड़े पैमाने पर सर्वे कराने का फैसला किया है। दिल्ली में अजय माकन की अध्यक्षता में हुई स्क्रीनिंग समिति की बैठक में तय हुआ कि हर सीट पर तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम खोजे जाएंगे। सर्वे रिपोर्ट के बाद ही 3 अक्टूबर को अगली बैठक होगी।

कांग्रेस की रणनीति: RJD पर दबाव विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की यह रणनीति सिर्फ उम्मीदवार तय करने तक सीमित नहीं है। इसका बड़ा उद्देश्य है RJD पर दबाव बनाना। महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फाइनल फॉर्मूला अभी तय नहीं हुआ है। 68 सीटों पर पहले से सर्वे करने का मतलब है कि कांग्रेस अपनी जमीन मजबूत करना चाहती है। सर्वे में लोकप्रिय और संगठनात्मक रूप से मजबूत उम्मीदवारों की पहचान से कांग्रेस RJD के साथ सीट मोलभाव में मजबूत स्थिति में रहेगी।

सर्वे में ध्यान देने वाले पहलू कांग्रेस ने सर्वे में सिर्फ लोकप्रियता नहीं, बल्कि जातीय और सामाजिक समीकरण पर भी फोकस किया है।

अल्पसंख्यक और दलित वोट बैंक:

परंपरागत रूप से RJD के वोट बैंक माने जाते हैं, लेकिन कांग्रेस इन वर्गों में अपनी पकड़ बढ़ाना चाहती है।

महादलित और EBC वोट:

उम्मीदवार चयन में ऐसे चेहरे चुने जाएंगे जो समीकरण को संतुलित कर सकें। युवा और महिला मतदाता: पहली बार वोट देने वाले युवा और महिलाओं की पसंद को भी ध्यान में रखा जाएगा।

चुनावी और रणनीतिक निहितार्थ सीमांचल और पूर्वी बिहार पर जोर:

मुस्लिम-यादव समीकरण वाले इलाकों में कांग्रेस पहले से मजबूत है।

त्रिकोणीय मुकाबला: VIP, लेफ्ट और NDA की स्थिति पर असर डाल सकता है।

दिल्ली कनेक्शन: अजय माकन और हाईकमान की निगरानी बताती है कि यह राष्ट्रीय स्तर की रणनीति का हिस्सा है।

महागठबंधन में बराबरी की भागीदारी कांग्रेस का यह कदम साफ़ संकेत देता है कि पार्टी महागठबंधन में बराबरी की भागीदारी चाहती है। 68 सीटों पर उम्मीदवार चयन और सर्वे के बाद RJD के साथ सीट शेयरिंग की बातचीत होगी। अगर सर्वे में कांग्रेस उम्मीदवारों को मजबूत समर्थन मिला, तो यह RJD की मोलभाव की ताकत कम कर सकता है और बिहार के चुनावी समीकरण को नई दिशा दे सकता है।