Bihar Election 2025 : बीजेपी ने मैथिली ठाकुर की बिहार विधानसभा चुनाव में क्यों कराई एंट्री? जानिए पर्दे के पीछे की सच्चाई

Maithili Thakur : बिहार के मिथिला क्षेत्र की रहने वाली लोक गायिका मैथिली ठाकुर भारतीय संस्कृति की ब्रांड एंबेसेडर बनकर उभरी हैं. मैथिली की आवाज और व्यक्तित्व दोनों ही भारतीयता की पहचान है, वो पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेने की वजह से भी चर्चा में रही हैं. सोशल मीडिया में उनके मिलियन फाॅलोवर्स हैं और उनके चाहने वालों में दादी के साथ-साथ पोता-पोती भी हैं. ऐसी युवा की बिहार विधानसभा चुनाव में एंट्री हुई है. वह महज 25 साल की हैं और राजनीति से उनका दूर-दूर का नाता नहीं है. पिता और दादा संगीत से जुड़े रहे और मैथिली ने संगीत की शिक्षा भी उनसे ही ली. दो भाई हैं, जो भजन और लोकगीत गाती हुई मैथिली को तबले और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ संगत देते हैं.
Maithili Thakur

Maithili Thakur : बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी ने मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है. यह निर्णय बहुत चौंकाने वाला तो नहीं है, क्योंकि अलीनगर में बीजेपी को एक स्वच्छ छवि के नेता की सख्त जरूरत थी क्योंकि पिछले चुनाव में जीत दर्ज करने वाले विधायक मिश्री लाल यादव को कोर्ट द्वारा मारपीट के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद पार्टी उन्हें इस चुनाव में टिकट देने वाली नहीं थी. बीजेपी को एक ऐसे चेहरे की तलाश थी,जो साफ-सुथरी हो और जिससे पार्टी को फायदा मिल सके.

बीजेपी ने मैथिली ठाकुर पर क्यों खेला है दांव?

बिहार की राजनीति में बीजेपी को एक लंबे रेस के घोड़े की तलाश थी, जिसकी छवि पाक-साफ तो हो ही, जनता उसे पसंद भी करती हो.इस लिहाज से मैथिली बहुत बेहतर कैंडिडेट हैं. मैथिली महज 25 साल की हैं और वो एक यूथ आइकन हैं. बिहार और देश के कल्चर को बढ़ाने और उसे विश्व स्तर पर पहुंचाने का क्रेडिट मैथिली ठाकुर को दिया जाता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि मैथिली ठाकुर को राजनीति की समझ नहीं है और उनकी उम्र भी अभी काफी कम है, लेकिन मैथिली पार्टी के प्रति समर्पित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी प्रभावित भी हैं. इस बात की चर्चा वे लगातार अपने इंटरव्यू में करती आ रही हैं. मैथिली ठाकुर कहती हैं कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आई हैं, चुनाव लड़ना उनका उद्देश्य नहीं है, पार्टी जो भी काम उन्हें सौंपेगी वो उसे पूरा करेंगी.

बीजेपी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी प्रभात मालाकार ने प्रभात खबर के साथ बातचीत में कहा कि हमारी पार्टी हमेशा भविष्य का सोचकर राजनीति करती है. मैथिली ठाकुर एक ऊर्जावान युवा हैं, जिनमें अपार संभावनाएं हैं. इसी वजह से पार्टी ने मैथिली ठाकुर को टिकट दिया है. आप यह देखेंगे कि इस बार बीजेपी के जो 101 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं उनमें कई युवा चेहरे भी शामिल हैं, जिनमें संजय गुप्ता, विक्रम नारायण सिंह जैसे उम्मीदवार हैं. मैथिली ठाकुर उनमें सबसे कम उम्र की है, लेकिन वह बहुत प्रतिभावान हैं. उनके साथ मिथिला की पहचान भी जुड़ी है. अलीनगर के विधायक मिश्री लाल यादव पर कई आरोप लग चुके थे, ऐसे में पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी युवाओं और महिलाओं के साथ है. बीजेपी ने महिला आरक्षण की भी बात 2029 के चुनाव में किया है, वैसे भी पार्टी महिलाओं को प्राथमिकता देती है. इन्हीं सब वजहों से पार्टी ने मैथिली को मौका दिया है. पार्टी युवाओं और महिलाओं को अपने साथ रखना चाहती है और मैथिली इस काम को बखूबी कर सकती हैं

प्रभात खबर के पाॅलिटिकल एडिटर मिथिलेश कुमार कहते हैं कि मैथिली ठाकुर पर बीजेपी ने इसलिए भरोसा दिखाया है क्योंकि उनकी छवि आम लोगों को बहुत पसंद है. मैथिली एक युवा उम्मीदवार हैं, साथ ही वो महिला भी है. इस लिहाज से बीजेपी ने मैथिली के जरिए दो वर्ग को टारगेट किया है, युवा और महिला. मैथिली एक यूथ आइकन हैं, उनके गीतों में मिथिलांचल की खुशबू है, वो एक लोकगायिका हैं, जो राम-सीता के गीत गाती हैं. उनके गीतों से आम लोगों का कनेक्ट बना हुआ है. वो हमेशा यह कहती हैं कि बिहार उनका घर है, उनका जन्म मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में हुआ है. वो मैथिली बोलती हैं, ये तमाम चीजें मैथिली को आम लोगों तक पहुंचाती हैं. जहां तक बात अलीनगर विधानसभा क्षेत्र का है तो दरभंगा जिले के इस सीट विधानसभा क्षेत्र में मैथिल ब्राह्मणों का वर्चस्व है और मैथिली एक मैथिल ब्राह्मण ही हैं. इसके अलावा सवर्णों की अन्य जातियां जिनमें कायस्थ हैं, उनकी भी आबादी यहां अच्छी-खासी है. यह तमाम बातें मैथिली के पक्ष में जाती हैं. पिछले कुछ समय में मैथिली बीजेपी के शीर्ष नेताओं के संपर्क में रही और खुद पीएम मोदी ने भी कई कार्यक्रमों में उसका जिक्र किया.

मैथिली के बारे में विनोद तावड़े ने क्या कहा और क्यों?

मैथिली ठाकुर के बीजेपी में शामिल होने से पहले ही बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी विनोद तावड़े ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि वो इस बार विधानसभा चुनाव के रण में उतरेंगी. तावड़े ने 5 अक्टूबर को दो तस्वीर पोस्ट की जिसमें मैथिली, तावड़े और नित्यानंद राय के साथ नजर आईं. इस पोस्ट में विनोद तावड़े ने लिखा-लालू राज में जो परिवार बिहार छोड़कर चला गया था, उसकी बेटी मैथिली गांव लौटना चाहती है. दरअसल विनोद तावड़े का यह बयान पूरी तरह राजनीतिक है. मैथिली का परिवार जब मधुबनी से दिल्ली गया, तो वे काम के लिए दिल्ली गए थे. मैथिली के दादा-दादी अभी भी गांव में रहते हैं. हां, यह सही है कि मैथिली का अपने गांव से बहुत लगाव है और वह हमेशा यह कहती हैं कि वो अपने गांव जाना चाहती हैं. इस बारे में मिथिलेश कुमार कहते हैं कि विनोद तावड़े ने जो बयान दिया है, वह पूरी तरह राजनीति है. हां, इस बात से बीजेपी को कुछ फायदा हो सकता है, इसमें भी कोई दो राय नहीं है.

क्या अलीनगर में मैथिली ठाकुर की राह बहुत आसान है?

अलीनगर विधानसभा क्षेत्र दरभंगा जिले में है. इस सीट से मैथिली की चुनाव जीत की राह बहुत आसान नहीं है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि मैथिली के राजनीति का कोई अनुभव नहीं है. वह स्थानीय लोगों की समस्याओं और उनके मुद्दों को अभी समझती नहीं है. इसके लिए उन्हें बहुत मेहनत करनी होगी. वहीं दूसरी ओर स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं में मैथिली को लेकर एक विरोध है. उन्हें यह लगता है कि मैथिली की अलीनगर चुनाव में पैराशूट एंट्री हुई है. वे उन्हें बाहर का उम्मीदवार मानते हैं, जिन्हें अलीनगर से कोई लेना-देना नहीं है. तीसरी और काफी अहम बात यह है कि विधायक मिश्री लाल यादव का टिकट काटा गया है, ऐसे में उन्होंने विरोध का स्वर मजबूत कर दिया है. इस लिहाज से मैथिली के लिए चुनावी राह आसान है, यह बात तो सही नहीं है. इस बारे में प्रभात मालाकार कहते हैं कि बीजेपी इतनी बड़ी पार्टी है और योग्य लोग यह चाहते हैं कि उन्हें पार्टी का टिकट मिले, इस वजह से स्थानीय कार्यकर्ताओं में थोड़ी नाराजगी होती है. बीजेपी का टिकट योग्यता पर मिलता है यहां पैसे का कोई खेल नहीं है, इस वजह से सबकी इच्छा होती है कि पार्टी उन्हें टिकट दे, इसके लिए संघर्ष भी होता है, लेकिन जैसे ही उम्मीदवार की घोषणा हो जाती है, संघर्ष समाप्त हो जाता है. जिस उम्मीदवार को टिकट मिलता है, पार्टी के सभी कार्यकर्ता उसके साथ होते हैं और उसे जिताने के लिए काम करते हैं. मैथिली के साथ भी सभी कार्यकर्ता है और वो जीत दर्ज करेंगी